NEELAM GUPTA

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लेखनी प्रतियोगिता -03-Dec-2021 भाई बहन का रिश्ता

भाई बहनों का रिश्ता सबसे निराला होता है ।इनका परस्पर प्रेम एक राखी की कच्ची रेशम की डोर से कसकर बंधा होता है ।जिसमें दोनों एक दूसरे की परवाह के साथ सुरक्षा की जिम्मेदारी लेते हैं। भाई, बहन की हर प्रकार से सुरक्षा करने का दायित्व उठाता है। दोनों के अठखेलियों से पूरा घर गुंजायमान रहता है ।

बहन की चोटी खींचना, भाई को तरह तरह से सताना ,बहन भाइयों का पूरा हक बनता है ।इन शैतानियों के साथ दोनों अपना बचपन बिताते हुए बड़े होते हैं ।और बड़े होने पर एक दूसरे का साथ पारस्परिक प्रेम से बंध जाते है। एक दूसरे की परछाई बन दोनों एक दूसरे का साथ निभाते हैं

किसी भी मुश्किल में दोनों एक दूसरे का हाथ थामे आगे बढ़ते हैं ।और हर मुश्किल का सामना करते हैं जहां घर में बड़े भाई होते हैं ।अपनी बहनों को अपनी गुड़िया को की तरह अपनी बच्चियों की तरह ध्यान रखते हैं ।और जहाँ बहन  बड़ी होती हैं वह भाई को अपने बेटे की तरह लाड प्यार से पालन पोसकर बड़ा करती हैं ।जैसे उनकी मां वही हो ,इसी प्रकार से उनका प्यार होता है मां से भी अधिक बड़ी बहन अपने भाई का ध्यान रखती है।

कोई भी कठिनाई हो दोनों एक दूसरे पर लेने को तैयार रहते हैं चाहे मम्मी पापा की डांट हो चाहे स्कूल में होमवर्क की वजह से सजा मिलती हो । दोनों एक दूसरे को बचाने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं । कभी दोस्त कभी भाई बनकर भी हक से सब कुछ मांग लेते हैं बिना हिचक के और कितनी बार तो लड़ कर भी 😄😄 ऐसा होता है बहन भाई का प्यार । भारत में तो रक्षाबंधन और भाई दूज दोनों त्यौहार भाई बहन के पारस्परिक प्रेम का दर्पण है। दोनों कितनी भी दूर रहे लेकिन जरूरत पड़ने पर कहीं से भी आकर एक दूसरे की मदद को हमेशा तैयार रहते हैं।

हमारा हम साया।
हमारे प्यारे भईया और दीदियाँ।

घर की जिम्मेंदारी की दीवार।
घर पर आने दे ना कोई आँच।
निभाने सबसे पहले खड़े होते।
हमारे प्यारे भाईया और दीदियाँ।

घर में अपनी धौंस जमाते।
हमें अपने आगे पीछे घुमाते।
हुक्म देकर काम कराते।
हमारे प्यारे भाईया और दीदियाँ।

जब पड़े हमे डांट तो ।
सबसे पहले हमें सौहार्द दिखाते।
गलती पर मम्मी पापा से बचाते ।
हमारे प्यारे भईया और दीदियाँ।

छूपा हमारी नादानियाँ।
हमारे साथ साथ खुद भी डांट खाते।
नजरें नीचे कर सब सुनते जातें।
हमारे प्यारे भईया और दीदियाँ। 

अपनी चीजें हम में बाँट देते।
रोए हम तो हमें पल में हँसा देते।
ज्ञान का दर्पण हमें दिखाते।
हमारे प्यारे भईया और दीदियाँ।

जिंदगी की राहें सुझाते।
पल में मुश्किल हल कर जाते।
पकड़े रहते हमेशा हमारा हाथ।
हमारे प्यारे भईया और दीदियाँ।

दुःख की कोई परछाई।
छुए ना हमें दुआ में अपनी मांगते हैं।
अंधेरी राहों में दीये की रोशनी बन जाते।
हमारे प्यारे भईया और दीदियाँ।

अकेले कभी नही छोड़ते।
जब जरूरत हो पल में।
माँ पिता बन जाते।
हमारे प्यारे भईया और दीदियाँ।

घर की आन शान है।
बड़ो से ही माँ पिता की पहचान है।
शुरू से ही बड़े बन जाते।
हमारे प्यारे भईया और दीदियाँ।

हमारे सिर की छत बनकर रहते।
ये साया हमेशा बना रहे भगवान।
आप से भी हमारे लिए ये लड़ जाते ।
हमारे बड़े प्यारे और दीदियाँ।

नीलम गुप्ता 🌹🌹(नजरिया )🌹🌹
               दिल्ली


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11 Comments

Priyanka Rani

15-Dec-2021 08:34 PM

Nice

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Kaushalya Rani

14-Dec-2021 08:45 PM

Nice

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Barsha🖤👑

10-Dec-2021 09:43 PM

Nice

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